Rocket Ke Andar Insan Kyu Nahi Gaya - Demat Learning Series

Rocket Ke Andar Insan Kyu Nahi Gaya - Demat Learning Series

स्टॉक मार्केट मनी ट्रेडिंग लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ऑनलाइन अर्निंग एप्लीकेशंस यह सब फाइनेंशियल चीजों
को तो आपने सुना होगा बट रियल प्रॉफिट और मनी तो नॉलेज है सो लेट जेन आईटी कुछ लोगों ने मेरे से
यह सवाल पूछा है की चंद्रयान थ्री जो की इतना खर्चा कर कर जिसको लॉन्च किया गया इसमें कोई इंसान क्यों
नहीं है भला अगर कोई इंसान जाता चंद पर तो इससे तो हमारे देश का और भी ज्यादा नाम होता आफ्टर जो आज
से 50 साल पहले ही वो टेक्नोलॉजी ए गई थी जिससे की इंसान चंद पर उतारने में सक्षम हुआ था अमेरिका ने
ऐसे छह मिशन किया थे जिसमें उन्होंने चंद पर असली में इंसान को उतारने में और उनको वापस धरती पर सैफ
अली उतारने में कामयाब रहे थे सबसे पहले 1969 में अपोलो 11 में नीलम स्टोन और बज एल्ड्रिन ये
दोनों मिशन को लीड करके पहले बार पहले बार इंसान को चंद पर पहुंच कर एक हिस्ट्री कायम कर दिया


सामने पहले बार चंद पर एक्चुअल में कम रखा है और इस मिशन में वो 21 घंटे 36 मिनट तक चंद पर थे और खुशी
के मारे वो कूद रहे थे अपने ही स्पेस सूट में उसके बाद से एयर 1969 में ही अपोलो 12 मिशन हुआ और ये भी
कामयाब रहा जब अमेरिका ने दो बार सक्सेसफुली इंसान को मून पर लैंड कर कर और सक्सेसफुली वापस लाया सैफ
अली तो मानो अमेरिका के लिए यह चीज एकदम आम हो गई थी और यही ओवर कॉन्फिडेंस का नतीजा अपोलो 13 थर्ड
मिशन में दिखा जिसमें एस्ट्रोनॉट्स बीच रास्ते में ही स्पेस में फैंस गए थे एक एक्सप्लोजन के चलते और
ऐसा लोग कहते हैं की ये एक चमत्कार ही है की वो सारे एस्ट्रोनॉट्स सेफ रहे थे सेफ थे और जिंदाबाद
धरती पर आने में कामयाब रहे मिशन अबाउट हो गया था बीच रास्ते में लेकिन किसी को कुछ हुआ नहीं
और सारे एस्ट्रोनॉट सेफ्ली वापस लैंड मा गए बैक गए तो इसे इंसान के चंद पर जान का जो कॉन्फिडेंस था वह
फिर से लो हो गया अपोलो 13 में जो मोडल था वो बीच से ही मुड़कर वापस धरती पर ए गया क्योंकि अगर वो
चंद पे जाते हैं तो शायद वो नहीं बैक पाते हैं और इस मिशन को नाम दिया गया सक्सेसफुल फेलियर क्योंकि वो
बचाने में कामयाब रहे थे जिसने पूरे अमेरिका की दिल की धड़कन बड़ा दी थी ऐसा मिशन था अपोलो 13 1971 में
फिर अपोलो 14 हुआ फिर से कॉन्फिडेंस गदर करके और इस बार यह मिशन सक्सेसफुल हुआ इसमें एस्ट्रोनॉट्स चंद
पर उतारे हैं और वापस धरती पर सेफ्ली आए भी उसके बाद अपोलो 15 16 और 17 हुआ और नकली यह सारे मिशन
इंसान को चंद पर उतारने में कामयाब रहे हैं मतलब टोटल साथ में से 6 मिशन सक्सेसफुल रहा और एक गान
रंग हो गया लेकिन इन मिशन के बाद ऐसा कोई मिशन इंसानियत ने नहीं किया जिससे वो चंद पर वापस जाए
इतने साल बीट गए हैं फिर भी इस पूरे अपोलो प्रोग्राम का जो बजट था वह था करीब 28 बिलियन इन्फ्लेशन से
एडजस्ट करो तो 288 बिलियन डॉलर्स यानी करीब 17 लाख करोड़ रुपए 17 लाख करोड़ से सिर्फ 12 लोग चंद पर कम
रख पे थे और अमेरिका ही वो इकलौता ऐसा देश है जो ये करने में कामयाब रहा था और यह सब अचीवमेंट की बात है
इंसानियत के लिए की हम चंद पर कम रख दिए लेकिन इसमें इतना ज्यादा खर्चा था इतना बजट उसे हो रहा था की
इतने बार चंद पर लैंड करने के बाद लोगों का इंटरेस्ट खत्म हो गया क्योंकि इससे किसी को खास प्रॉफिट नहीं
हो रहा था छोटू स्पीक किसी बड़े ग्रुप का प्रॉफिट नहीं हो रहा था इससे इतने पैसे लगे के बावजूद भी


सिर्फ अचीवमेंट और फीलिंग की बात थी इसरो का अगर आप बजट देखोगे तो वो करीब 12000 से ₹13000 करोड़
रुपए के आसपास है लेकिन चाहिए कितना 17 लाख करोड़ जितना पैसा खर्च होना है इंसान को चंद पर भेजना में
उसका 1% भी बजट अलर्ट नहीं होता है इस रोग को और यही करण है की चंद्रयान थ्री में इसरो ने इंसान को भेजना
के बड़े में सोचा ही नहीं ऑफ कोर्स भविष्य में ये चीज होगी जब बजेट्स बढ़ेंगे और ये मिशन सक्सेसफुल
होगा तो पूरे विश्व में कंपेयर करें तो भारत की जो अचीवमेंट्स है वो दिन वी दिन बढ़ते जा रही है तो हो
सकता है की इसरो ऐसा फ्यूचर में लॉन्च करें जिसमें लिटरली इंसान चंद पर लैंड हो तो यह पूरे विश्व में
दूसरा ऐसा कंट्री बन जाएगा जो की इंसान को चंद पर लैंड करने में कामयाब रहा लेकिन एकदम फ्रेंकली बोलूं
तो बजट ही वो करण है जिसकी चलते ऐसा नहीं हो का रहा है तो ये था आंसर इस सवाल का की चंद्रयान थ्री में
कोई इंसान क्यों नहीं बैठा एक और फैन फैक्ट आपको बता डन की एस्ट्रोनॉट्स जब चंद से लौटते हैं तो
उनको तू से थ्री विक्स के लिए गारंटीने कर दिया जाता है तक यह पता ग पता है की वो अपने शरीर पर
किसी फॉरेन चीज को तो नहीं ला दिए हैं जिससे इंसान को खतरा है जी हां ये एक नॉर्मल प्रोसेस होता है मून
मिशन का चैनल को सब्सक्राइब करके बेल आईकॉन जरूर ऑन कर लेना थैंक यू सो मैच पर वाचिंग दिस वीडियो