Gajendra Singh Shekhawat : SYL एसवाईएल विवाद - गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के रास्ते से हरियाणा में पानी लाने के लिए तकनीकी पहलुओं की देखरेख

Gajendra Singh Shekhawat SYL केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के रास्ते से हरियाणा में पानी लाने के लिए तकनीकी पहलुओं की देखरेख हो रही है ।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि एसवाईएल नहर का विवाद ने सूरज पाने के कारण पंजाब की हठधर्मिता है । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों राज्यों के बीच हुई बैठक को लेकर पूर्ण स्थिति से सुप्रीम कोर्ट को भी इस बारे में अवगत करवा दिया गया है ।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह सिरसा में 18 जून की प्रस्तावित रैली से पहले कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए यहां पर पहुंचे थे । पत्रकारों के वार्तालाप के बाद उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उन्हें संबोधित किया और उन्हें आगे के दिशा निर्देश भी दिए ।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हिमाचल के रास्ते नहर का पानी हरियाणा में लाने को लेकर चर्चा चल रही है और इसके तकनीकी पहलुओं पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा । फतेहाबाद जिले के अंदर लगातार गिरता भूमिगत जलस्तर एक बड़ी समस्या है ।
क्योंकि 18 प्रतिशत आबादी के समक्ष महज 4 प्रतिशत ही पेयजल है । इसलिए साल 2014 के बाद केंद्र सरकार इसकी ओर गंभीरता से जुट गई है और इसी का परिणाम है कि आज देश के 256 ब्लॉक डार्क जोन से निकालकर सेफ जोन की श्रेणी में आ चुके हैं इसमें फतेहाबाद जिले के टोहाना भी शामिल है । उक्त बातें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कही है । केंद्रीय मंत्री शेखावत शुक्रवार से भाजपा के व्यापारी सम्मेलन को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे ।
इसके अतिरिक्त आपको यह भी बता दें कि प्रदेश के करीब 10 जिलों में जमीनी पानी कि हालात बहुत दयनीय स्थिति बनी हुई है 50 से अधिक ब्लॉक डार्क जोन में बने हुए हैं । सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी सिंचाई के लिए ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही अहम साबित होगा ।
एसवाईएल नहर का पानी लाने के लिए दोनों राज्यों हरियाणा व हिमाचल में हुई बातचीत के बाद अधिकारी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में जुटे हुए हैं । पंजाब के रास्ते से हरियाणा में पानी लाने पर 157 किलोमीटर की दूरी पड़ती है। लेकिन हिमाचल प्रदेश से हरियाणा में पानी लाने के लिए 67 किलोमीटर का रूट है और जिसमें 42 करोड रुपए की लागत आने की संभावना है ।