Companies Power Project - जो अपनी समय परियोजनाएं पूरी नहीं करते हैं उन पर अब होगी कार्रवाई

Companies Power Project- जो अपनी समय परियोजनाएं पूरी नहीं करते हैं उन पर अब होगी कार्रवाई ।
देश की बढ़ती ऊर्जा कि जरूरत को देखते हुए सरकार उन सभी कंपनियों के खिलाफ अब कार्रवाई करने वाली है । जो सभी तरह की मंजूरी मिलने के बावजूद भी समय पर अपनी परियोजना के कार्य नहीं कर पाती है ।
यह जानकारी बिजली मंत्री आरके सिंह ने एक आयोजित सालाना समारोह में कही है बिजली मंत्री ने कहा है कि निविदा में सफल कंपनियां निर्धारित समय सीमा में उन्हें दी गई प्रयोजना नहीं लगा पा रहे हैं तो उन्हें अगले वर्ष तक दूसरी किसी निविदा में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा । अगर वे दूसरी बार भी यह कंपनियां बिजली परियोजना लगाने में समय सीमा का पालन नहीं करती है तो उन्हें 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक बैटरी स्टोरेज लगाने की लागत कम नहीं होती है, तब तक देश को कोयला आधारित ताप बिजली घरों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा अभी तक देश में बिजली की दर 2.30 प्रति यूनिट है लेकिन बैटरी स्टोरेज क्षमता की लागत ₹10 प्रति यूनिट है बिजली मंत्री ने बिजली की मांग में काफी तेज वृद्धि होने का अनुमान भी लगाया है ।
बैटरी स्टोरेज लगाने की लागत कम होने तक कोयला आधारित ताप बिजली घरों पर लगभग निर्भर रहना पड़ता है । वैश्विक ऊर्जा मांग का सबसे बड़ा हिस्सा जो कि भारत से निकलने वाला है वर्ष 2040 तक भारत में ऊर्जा की मांग में सालाना लगभग 3% की दर से वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा सकती है । अभी तक भारत में वार्षिक बिजली की खपत लगभग 1600 अरब यूनिट की है, जो कि वर्ष 2030 तक यह 3500 अरब यूनिट की हो सकती है देश में बिजली का कुल उत्पादन की क्षमता अभी 4.12 लाख मेगावाट की है जो कि अभी तक पर्याप्त नहीं है ।
इस पर बिजली मंत्री आरके सिंह ने यह भी बयान किया है कि 2030 तक उत्पादन क्षमता का 65 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी का होगा । इसके साथ-साथ स्टोरेज लगाने की लागत कम होने तक कोयला आधारित ताप बिजली घरों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा । उन्होंने यह भी कहा है कि वैश्विक ऊर्जा मांग का सबसे बड़ा हिस्सा जो कि भविष्य में भारत बनने वाला है । वर्ष 2040 तक भारत में ऊर्जा की मांग बहुत बढ़ जाएगी ।