Bihar Nitish Kumar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब बनाया जा सकता है विपक्ष का संयोजक ।

Bihar Nitish Kumar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब बनाया जा सकता है विपक्ष का संयोजक ।
Bihar Nitish Kumar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब बनाया जा सकता है विपक्ष का संयोजक ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब बनाया जा सकता है विपक्ष का संयोजक ।
कांग्रेसी के सुझाव के बाद विपक्षी दल के 12 जून के बदले अब 23 जून को एक मंच आने वाले हैं सुझाव यह भी था कि बैठक हिमाचल प्रदेश में की जाएगी लेकिन भाजपा के विरुद्ध विपक्ष की है पहली बैठक बिहार के पटना में होगी । सियासी हकीकत यह है कि क्षेत्रीय दल कांग्रेस को बैठक से पहले ही यह संदेश दे देना चाहते हैं और विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस की बड़ी जरूरत मानी गई है लेकिन क्षेत्रीय दलों की है भूमिका अहम साबित होने वाली है । परोक्ष रूप से हिमाचल प्रदेश के सुझाव को खारिज कर कांग्रेस को इसका एहसास करा दिया गया है । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष का संयोजक बनाया जा सकता है । 


23 जून के लिए भी सभी कांग्रेस की ओर से यह सहमति आना बाकी है लेकिन जदयू के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने इसकी पुष्टि जाहिर की है । इसके साथ-साथ उनका यह भी कहना है कि प्रारंभिक बैठक की तारीख चलने से इतना यह साफ हो गया है कि अब एकता की कवायद पहले से भी ज्यादा व्यवस्थित और संगठित तरीके से होगी ।
यह भी संकेत है कि आगामी 23 जून के बाद विपक्षी नेताओं की एक और अहम बैठक हो सकती है । इसके लिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी दलों के अध्यक्ष और प्रमुख नेता उपस्थित रहे और किसी महत्वपूर्ण निर्णय पर पहुंचा जा सके ।  आपको बता दें कि कांग्रेस किस्सेस नेताओं के असमंजस के कारण यह पहली बैठक डाल दी गई है हिमाचल में नहीं होगी । अब बैठक बिहार के पटना में ही जुड़ेंगे विपक्षी दलों के नेता ।

केसी त्यागी ने बताया है कि एकता के लिए बनेगी तीन तरह की समितियां उन्होंने यह भी बताया है कि क्षेत्रीय अस्तित्व में मिलती एवं विभिन्न मुद्दों को लेकर आगे बढ़ रहे दलों को एक साथ लाना आसान नहीं होगा ऐसे में हम सभी को संयुक्त घोषणा पत्र और समन्वय समिति की जरूरत से इनकार नहीं किया जा सकता है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस भूमिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण पात्र साबित होंगे । केसी त्यागी ने यह भी कहा है कि लालू को छोड़कर कांग्रेसी से सभी दलों के रिश्ते पूरी तरह से सहज नहीं हैं । ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, शरद पवार और उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं को एक मंच पर लाने का दायित्व हर कोई नहीं संभाल पाता है। नीतीश कुमार यही काम पहले से कर भी रहे हैं केसी त्यागी ने बताया कि बैठक को किसी निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए हमें दो-तीन तरह की समितियां बनाने की भी तैयारी की है ।