Bharat Ke Hai yeh 10 Rahasyamayi places..top 10 mysterious places in india Rahasyaraasta
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नमस्कार दर्शकों आप सभी का रहस्य रास्ताके यूट्यूब चैनल पर स्वागत है।
भारत में घूमने के लिए कई जगह हैं। कई टूरिस्ट स्पॉट तो इतने फेमस हैं कि वहां आपको हज़ारों
लोगों की भीड़ मिल जाएगी परहमारे विशाल और खूबसूरत देश में कुछ
टूरिस्ट स्पॉट ऐसे भी हैं जो घोस्टटूरिज्म के लिए प्रसिद्ध हैं यहां लोग
अलौकिक चीजें देखने और महसूस करने आते हैंआप भानगढ़ के बारे में तो जानते ही होंगे
जो देश के सबसे अहम लेकिन अजीबोगरीबटूरिस्ट स्पॉट्स में से एक है ऐसी ही कई
जगह हैं जहां कुछ ना कुछ रहस्य छुपा हुआहै ऐसे ही कई जगहों को देवताओं की शक्ति
का रूप माना जाता है जहां कुछ चमत्कारदेखने को मिलते हैं इन जगहों के रहस्यों
के बारे में कोई वैज्ञानिक कारण समझ नहींआता फिर भी कम से कम वो जगहें लोककथाओं में
प्रसिद्ध और उनके रहस्यों के कारण ही हैकिसी जगह को भूत का डेरा माना जाता है तो
किसी को देवताओं का आशीर्वादतो चलिए आपको बताते हैं ऐसे कौन से 10
स्थान हैं भारत के जो अपने आप में अनूठेऔर रहस्यमई है आगे बढ़ने से पहले यदि आपने
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नंबर 10 कंकालों से भरा तालाब रूपकुंडहर साल सर्दियों के बाद जैसे ही बर्फ
पिघलती है वैसे ही रूपकुंड तालाब में मेंमानव कंकाल तैरने लगते हैं
16500 फीट की ऊंचाई पर मौजूद इस तालाब को1942 में ढूंढा गया था तब से लेकर अब तक
यह गांव एक रहस्य बना हुआ है रूपकुंडतालाब में कई फॉरेंसिक और रेडियोकार्बन
टेस्ट किए गए और वैज्ञानिकों का मानना हैकि यहां मौजूद कंकाल कम से कम 1200 साल
पुराने हैं किसी को नहीं पता कि ये यहांकहां से आए लोककथा कहती है कि यह कन्नौज
के राजा जसधवल और उनकी प्रेग्नेंट रानीऔर उनके सभी नौकरों का काफिला है जो नंदा
देवी के दर्शन को निकले थे लेकिन रास्तेमें तूफान की चपेट में आ गए रूपकुंड ट्रैक
आजकल बहुत फेमस ट्रैकिंग एक्सपीरियंस माना जाता है
नंबर नौ डूबने वाला चर्च शेट्टीहल्ली
1860 में फ्रेंच मिशनरी द्वाराबनाया गया रोजरी चर्च उस दौर की सभी
कम्युनिटी एक्टिविटी का हिस्सा रहा करताथा यह सिर्फ चर्च ही नहीं एक अनाथालय और
अस्पताल का काम भी करता था हालांकि 100साल बाद भारत सरकार ने गोरुर डैम बनाया और
इस पूरे इलाके को पानी ने अपनी चपेट मेंले लिया अधिकतर इमारतें गिर गई और मलबा बन
गई लेकिन इतने सालों में भी हर साल यहचर्च गर्मियों में पानी कम होने पर दिखता
है और उसके बाद दोबारा पानी में लीन होजाता है अभी तक यह चर्च एक बेंगलुरु के
पास फेमस टूरिस्ट स्पॉट बना हुआ है और कईलोगों का आस्था का केंद्र भी बन चुका है
नंबर आठ धनुषकोडी तमिलनाडु का घोस्ट विलेज धनुषकोडी भारत
के तमिलनाडु के पूर्वी तट पर रामेश्वरमद्वीप के किनारे पर स्थित है इसे भारत का
अंतिम छोर भी कहा जाता है ये वो जगह हैजहां से श्रीलंका दिखाई देता है ऐसा नहीं
है कि यह जगह पहले से ही वीरान थी एक समययहां ढेर सारे लोग रहते थे लेकिन अब यह
जगह वीरान हो गई है धनुषकोडी भारत औरश्रीलंका के बीच स्थित है जो दोनों देशों
के बीच एकमात्र ऐसी स्थलीय सीमा है जो पाकजलसंधि में बालू के टीले पर मौजूद है
जिसकी लंबाई केवल 50 गज है इसी कारण से इसजगह को विश्व लघुतम स्थानों में से एक
माना जाता है इस खास जगह पर दिन के वक्तलोग खूब घूमने आते हैं लेकिन रात होने से
पहले ही सभी लोगों को वापस भेज दिया जाताहै क्योंकि यहां रात के वक्त घूमना
बिल्कुल मना है लोग शाम होने से पहलेरामेश्वरम लौट जाते हैं आपको बता दें कि
धनुषकोडी से रामेश्वरम का रास्ता 15किलोमीटर लंबा है और बेहद सुनसान है यहां
किसी को भी डर लग सकता है क्योंकि इसइलाके को बेहद रहस्यमय माना जाता है कई
लोग तो इस जगह को भूतिया भी मानते हैं
नंबर सात कसारा घाट मुंबई नासिक राजमार्ग
मुंबई नासिक राजमार्ग आपको कसारा घाट नामकऐसी ही एक जगह ले जाएगा जिसे भूतिया कहा
जाता है यह एक ऐसी जगह है जहां पर लोगोंने या तो भूतों को देखा है या उनकी भटकती
आत्मा को महसूस किया है जाहिर तौर पर यहांसड़क के दोनों ओर लगे पेड़ और झाड़ियां
खौफनाक तरीके से आप पर झूमने लगती हैं कुछलोगों ने तो इन पेड़ों पर बैठी एक बूढ़ी
बिना सिर वाली औरत को भी देखा है यह कुछऐसी चीजें हैं जिन्हें देखकर आपका नर्वस
सिस्टम हिल जाएगा आपकी पैंट भी गीली होसकती है यहां से लगभग हर रोज ऐसी भूतिया
कथाएं सुनने को मिलती रहती हैं
नंबर 6 शनिवारवाड़ा,
महाराष्ट्र. शनिवारवाड़ा महाराष्ट्र केपुणे में स्थित है जिसका निर्माण मराठा
पेशवा साम्राज्य को बुलंदियों पर ले जानेवाले बाजीराव पेशवा ने करवाया था वर्ष
1732 में यह पूरी तरह बनकर तैयार हो गयाथा कहा जाता है कि उस समय इसे बनाने में
करीब ₹16,000 खर्च हुए थे तब के समय में यहराशि बहुत अधिक थी उस समय इस महल में
करीब 1000 लोग रहते थे कहते हैं कि इस महलकी नीव शनिवार के दिन रखी गई थी इसी वजह
से इसका नाम शनिवार वाड़ा पड़ा था करीब 85साल तक यह महल पेशवाहों के अधिकार में
रहा था लेकिन 1818 ईसवी में इस परअंग्रेजों ने अपना अधिकार जमा लिया और
भारत की आजादी तक यह उनके ही अधिकार मेंरहा कहते हैं कि इसी महल में 30 अगस्त
1773 की रात 18 वर्षीय नारायण राव कीषड्यंत्र करके हत्या कर दी गई थी जो मराठा
साम्राज्य के नौवें पेशवा बने थे कहा जाताहै कि उनके चाचा ने ही उनकी हत्या करवाई
थी स्थानीय लोगों का कहना है कि आज भीअमावस्या की रात महल से किसी की दर्द भरी
आवाज सुनाई देती है जो बचाओ-बचाओ चिल्लाती है यह आवाज नारायण राव की ही है शनिवारवाड़ा
से जुड़ा एक और रहस्य है जो आज तकअनसुलझा है वर्ष 1828 में इस महल में
भयंकर आग लगी थी जो सात दिनों तक जलती रहीथी इसकी वजह से महल का बड़ा हिस्सा जल गया
था अब यह आग कैसे लगी थी यह आज भी एक सवालही बना हुआ है इसके बारे में कोई नहीं जानता
नंबर पांच मेघालय के लिविंग रूट्सब्रिज दुनिया में एक से बढ़कर एक सुंदर
ब्रिज बनाए गए हैं कई ब्रिज ऐसे हैं जोकाफी ऊंचे हैं तो कई काफी लंबे और बड़े
हैं सिडनी का हार्बर ब्रिज हो या टॉवरब्रिज इन सब की दुनिया में अलग पहचान है
लेकिन क्या आपने कोई ऐसा पुल देखा है जोपेड़ों की जड़ों से बनाया गया हो इस पुल
को देखकर लोग हैरान हो जाते हैं यह ऐसापुल है जिसके सामने बाकी सारे पुल फीके
नजर आते हैं आइए आपको बताते हैं यह पुलकहां पर बना हुआ है और क्यों यह इतना खास
है यह पुल मेघालय में है जानकार बताते हैंकि यह पुल करीब 200 साल पुराना है इस पुल
को बनाने में काफी समय लगा है यह ऐसा पुलहै जिस पर 50 लोग आसानी से चल सकते हैं
सैकड़ों साल पुराना होने के बाद भी यहब्रिज आज भी लोहे की तरह मजबूत है यह पुल
कहीं से भी कमजोर नहीं हुआ है इसकी कीखासियत यह है कि यह पुल पेड़ों की जिंदा
जड़ों से धागे की तरह बुनकर बनाया गया हैइस पुल का निर्माण मेघालय के घने जंगलों
से गुजरने वाली नदी को पार करने के लिएबनाया गया है मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो
मेघालय में लंबे वक्त से खांसी और जयंतियाजनजाति के लोग रहते हैं जिन्होंने पेड़ की
जड़ों से पुल बनाने की हुनर में महारतहासिल कर ली है
नंबर चार जुड़वा बच्चों का गांव कोदिन्ही
केरल का एक गांव जहां केरहस्य को विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया
मल्लापुरम जिले में मौजूद कोदिन्ही गांवऐसा है जहां 200 से ज्यादा ट्विंस हैं जी
हां यहां हर दूसरे घर में जुड़वा बच्चेहोते हैं इसके अलावा तिडवे बच्चे भी
देखने को मिलते हैं इस गांव को सरकार भीविलेज ऑफ ट्विंस कहती है कोदिन्ही ही के साथ
एक बात और अजीब है यहां की महिलाएं अगरकिसी और गांव में शादी करके जाती हैं तो
भी उनके जुड़वा बच्चे होते हैं इस पर कईवैज्ञानिको ने भी रिसर्च की है और अभी
तक जवाब नहीं मिला है उनका मानना है कि येयहां के पानी की वजह से है स्थानीय लोगों
का मानना है कि ये देवताओं का आशीर्वाद है कोझीकोड (कालीकट ) अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट
से कैब बुक कर कोदिन्ही पहुंचा जा सकता है। यह गांव एयरपोर्ट से 40 किलोमीटर दूर
है केरल टूरिज्म का एक अहम हिस्सा यह गांवभी बनता जा रहा है
नंबर तीन जतिंगा असम
असम में एक छोटा सा गांव है जतिंगा इसकेबारे में ज्यादातर किस्से यहां के स्थानीय
लोग सुनाते हैं इसके अलावा आपको इसके बारेमें कई आर्टिकल पढ़ने को मिल जाएंगे इस
हरे भरे इलाके में हर साल मानसून के अंतमें एक अजीबोगरीब वाक्या होता है सूरज
ढलने के बाद यहां हजारों की संख्या मेंपक्षी एक-एक कर मरने लगते हैं यह हर दिन
होता है और स्थानीय निवासियों के अनुसारयहां पर बुरी आत्माओं का साया है
वैज्ञानिकों का मानना कि शायद पक्षी कोहरेकी वजह से ठीक से देख और महसूस नहीं कर
पाते और इसलिए वो पेड़ों से टकराकर मरजाते हैं पर फिर भी कोई यह नहीं जानता कि
आखिर हर साल कई दिनों तक एक ही जगह पर ऐसाक्यों होता है असम के सिलचर एयरपोर्ट से
यह जगह सिर्फ 100 किलोमीटर दूरहै
नंबर दो कुलधरा गांव की कथा और एक
श्राप. क्या आपने कुलधरा गांव के बारे मेंसुना है राजस्थान का यह गांव काफी ज्यादा
प्रसिद्ध है इस गांव में आपको इंसान नहीं सिर्फखाली घर और खंडहर दिखेंगे कहा जाता है कि
200 साल पहले यह गांव 1500 पालीवालब्राह्मणों का घर था इस गांव के लोगों पर
जैसलमेर का दीवान सलीम सिंह अत्याचार करता था. वो मनचाहा कर वसूल करता था इसके बाद
सलीम सिंह की नजर गांव के मुखिया की बेटीपर पड़ी सलीम सिंह ने गांव वालों पर बहुत
ज्यादा कर लगाने की धमकी दी लड़की कोबचाने और सलीम सिंह के डर से बाहर निकलने
के लिए रातों-रात पूरा गांव खाली हो गयाहालांकि किसी ने भी गांव के 1500 लोगों को
जाते नहीं देखा कहा जाता है कि इस गांव कोवो लोग श्राप देकर गए थे कि यहां अब कोई
नहीं बस पाएगा अगर आप कभी राजस्थान घूमनेका प्लान बनाएंगे तो कुलधरा गांव के बारे
में जरूर सोचिएगा। ये गांव जैसलमेर से सिर्फ18 किलोमीटर दूर है
नंबर एक भानगढ़ का किला
यह किला राजस्थान के अलवर जिले कीअरावली की पहाड़ियों में सरिस्का
अभ्यारण्य की सीमा पर मौजूद है यह किलापहली नजर में ही देखने में अजीब और डरावना
एहसास पैदा करता है कहानियां है कि यहांभूत बसते हैं और यही वजह है कि धीरे-धीरे
गांवों की आबादी इस जगह से काफी दूर हो गईहै खास बात यह कि भारतीय पुरातत्त्व
सर्वेक्षण विभाग ने स्थानीय लोगों औरपर्यटकों को रात के वक्त किले में एंट्री
से मनाही रखी है कई बार पर्यटकों ने इसजगह पर असामान्य घटनाओं की पुष्टि की है
इस किले के इस वक्त हालात भी ऐसे हैं किकोई भी अचानक इसे देखकर डर जाए भानगढ़
गांव में मौजूद किला अपने ऐतिहासिकखंडहरों से जाना जाता है हर साल सैकड़ों
पर्यटक यहां किले को देखने के लिए पहुंचतेहैं यहां कुछ हवेलियों के अवशेष दिखाई
देते हैं सूर्योदय से पहले और सूर्यास्तके बाद किसी को भी भानगढ़ किले में रुकने
की इजाजत नहीं है भानगढ़ किले के इतिहासकी बात करें तो तो कहा जाता है कि आमेर के
राजा भगवत दास ने इसे अपने छोटे बेटे माधोसिंह प्रथम के लिए
1573 में बनवाया था भानगढ़ किले को लेकरकई कहानियां सुनने को मिलती हैं एक कहानी
के मुताबिक किले की परछाई गांव में रहनेवाले एक तपस्वी के घर पर पड़ गई थी जिसकी
वजह से तपस्वी ने किले पर श्राप दे दियाजिसकी वजह से यह शापित किला पूरी तरह से
बर्बाद हो गया भानगढ़ किले को लेकर एक औरकहानी मशहूर है कहा जाता है कि यह किला एक
तांत्रिक के श्राप की वजह से पूरी तरहबर्बाद हो गया कहा जाता है कि किले की
राजकुमारी रत्नावती इस किले के सर्वनाश काकारण थी राजकुमारी के प्यार में पड़े एक
तांत्रिक ने साजिश रचकर राजकुमारी कोहासिल करना चाहा था लेकिन साजिश का खुलासा
होने पर उसे मौत के घाट उतार दिया गयाजिसके बाद इस तांत्रिक के शाप की वजह से
यह किला खंडहर में तब्दील होकर भूतिया बनगया भानगढ़ का किला सुबह के 6:00 बजे से
लेकर शाम के 6:00 बजे तक खुला रहता हैभानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में मौजूद
है जो जयपुर और दिल्ली के बीच स्थित हैकहा जाता है कि किले में रात के समय भूत
का साया होता है यहां पर रात में कई अजीबआवाजें भी यहां सुनाई देती हैं भानगढ़
किले को लेकर यह भी कहा जाता है कि जो कोईभी रात में किले में प्रवेश करता है वह
सुबह वापस नहीं लौट पाता
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